
साहित्यिक मंच – सेवा हिंदी साहित्य की
www.hindisahityaseva.com
जीवन परिचय: रचनाकार रश्मि शर्मा मीरारोड ठाणे महाराष्ट्र की रहने वाली हैं | पढ़ाई में अत्यधिक रुचि रखने वाली रश्मि जी ने विज्ञान में एम.एस.सी. और फिर बी.एड. किया और कुछ समय अध्यापन का कार्य किया | इन्हे हिन्दी भाषा अत्यंत प्रिय है और कविताओं के रूप में अपनी भावनाओं को जाहिर करती रहती हैं | इनकी कविताएँ पढ़ कर इनके व्यक्तित्व का पता चलता है | हिंदी साहित्य सेवा डॉट कॉम पर रश्मि जी की रचनाओं का आनंद लीजिये |
———————————————————-


—————————————————————————————————————-
“अपरिभाषित है प्रेम “
प्रेम तो है अपरिभाषित,नामुमकिन इसकी परिभाषा,
अनन्त सुख की अनुभूति है तो चाहत की है अभिलाषा।
अनमोल है,अदृश्य है,निस्वार्थ भाव से परिपूर्ण एक अहसास है,
आनन्द है, सन्तोष है, फूलों की कोमलता का एक आभास है।
शाश्वत सत्य है,राहत है और निर्विकार – निराकार है,
बेचैन दिलों की धड़कन है तो बेकरार दिलों का करार है ।
बारिश की बूँदों की ठंडक है तो अग्नि सी गरमाहट भी है,
समन्दर से भी गहरा है तो बहती पवन की सरसराहट भी है।
पारदर्शी है पानी जैसा तो दिलों में सुलगता तूफान भी है,
दिलों की पगडन्डी में हौले हौले से चलते कदमों के निशान भी है।
एक परवाह है, मित्रता है,जिन्दगी का प्यारा सा अफसाना है,
एक मधुर संगीत है और गुनगुनाता हुआ एक तराना है।
प्रेम आशा है,विश्वास है , प्रेम का कोई विकल्प नहीं है,
बेआवाज है,नायाब है ,प्रिय को पाने का कोई संकल्प नहीं है।
मीठा सा एक ख्वाब है,मिट्टी की खुश्बू सुवासित है,
ढेरों पर्याय हैं प्रेम के लेकिन प्रेम तो अपरिभाषित है।——————–२९ अगस्त २०१९
——————————————————————————————————————–