

———————————————————————————————————–
खुले मन से सोच
जरा सोचो बच्चा चोरी
की अफवाह में लोग
पीट-पीटकर मार डाले
जादू टोने के शक में
जहां निर्वस्त्र कर गांव
गलियों में घूमाये जाए।
जात पात में इतना
भेद-भाव की नल को भी
धोकर पानी भरा जाए ।
दुष्कर्म करने वाले नादान
बच्चियों पे भी तरस ना खाए।
प्रेम ,करुणा, ममता का
हास हो जाये।
जहां राम ,कृष्ण ,बुद्ध,
महावीर, गुरु नानक सत्य ,अहिंसा के पुजारी
महात्मा गांधी जन्मे
वहां खुले में शौच करने पर
दो भाई बहनों की मौत
की सजा मिल जाए ।
जो देश चांद पर कदम
रखने की तो सोच रहा
परंतु सच माने तो
मेरे देश में अपने ही भाई बहनों को जात पात धर्म में बाटकर
मौत की कील ठोक रहा ।
क्या होगा आगे समझ नहीं आता है ।
यही सोच सोच कर
मन अशांत हो जाता है
ऊपर वाले तेरी यह दुनिया कैसी निराली है ।
तन तो उजला उजला है
पर मन की चादर काली है
—————————————————————————————————————-
नेत्रदान
सोना चांदी रुपया पैसा
गोधन ,गज धन दान दिया
श्रीफल ,शॉल, प्रशंसा करके
लोगों का सम्मान किया।
दोनों में सबसे बढ़कर एक ही दान महान है ।
अंधों को जिसने आंखें दे दी
वह नेत्रदान महान है ।
मरने के बाद अपनी आंखें दे दो जो आ जाए अंधों को काम मरकर भी अमर हो जाएगा जग में प्यारे तेरा नाम ।
कर्म यही है महान, अपनी आंखें कर दो दान
अंधा आंखें पाकर तेरी ,देखे प्यारा जहान।
हिंदू, मुस्लिम ,सिख, इसाई सब ने सुंदर आंखें पाई,
मरने के बाद अगर अपनी आंखें फिर दूजे के काम आई।
अंधे का बन तू भगवान,
अपनी आंखें कर दे दान।
हाथ जोड़कर विनती मेरी, दाता बहनों भाइयों से
आंखें दे दो बेसहारा अपने अंधे भाइयों को ।
अंधा आंखें पाकर, देखे दुनिया वह आंखें बड़ी महान
देख अपाहिज या अंधों को ,
भाई मेरे कभी नहीं हंसना
मानव ही सृष्टि में ,ईश्वर की सुंदर रचना है।
दया की दृष्टि करने वाला सबसे बड़ा महान।
सबकी जां में बसने वाला
एक वही भगवान है।
आज यहां इंसान के लिए डॉक्टर दूजा भगवान है ।
हिंदू, मुस्लिम ,सिख ,ईसाई विनती सबसे मेरे भाई
होगा पुण्य ये महान है।
कर्म यही है महान अपनी आंखें कर दो दान। अंधा आंखें पाकर तेरी देखे प्यारा जहां न
———————————————————————————————————–
गांधीजी के सपने
अंग्रेजों ने जमकर लूटा
अब लूट रहे हैं अपने
रामराज्य कौन लाएगा जो देख रहे हैं हम सब सपने ।
स्वार्थ की अंधी दौड़ में
भूले पराए अपने को
मुख में राम बगल में छुरी
लगे हैं माल हड़पने को ।
पूज्य महात्मा गांधी जी के सपने हो रहे चकनाचूर
कर्णधार हमारे देखो
मद में हो गए हैं मगरूर यहां
वो क्या जाने भूख गरीबी
महंगाई की कैसी होती है मार। लूटपाट करते गबन घोटाला रिश्वतखोरी भ्रष्टाचार।
सत्य अहिंसा अपरिग्रह भूले
करते हैं आतंक अत्याचार यहां निर्बल को बलवान सताए
जनगण है लाचार यहां
भारत एक अनेकों प्रदेश
दलदल का है बंटवारा
कैसे उन्नति होगी देश की
बस करते है तेरा मेरा।
प्यारे हिंदू ,मुस्लिम ,सिख ,ईसाई भैया छोड़ो बैर बुराई
प्रेम से जियो और जीने दो सब की है इसमें भलाई।।
Very nice
very nice
Bahut hi badiya rachna h
Very nice
Bhutkhub
अति सुन्दर स्वर गीत
Jiwan ka sar bahut achche se samjhaya h apne kavita ke madhyam se very nice thought
Bahut achchi kavita hai
अति सुन्दर रचना
Kavita bahut achchi likhi h babuji apne
Nice
Nice
Aj ki sachai ko bya karti kavita👌👌👌