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जीवन परिचय: मो. जमील, अंधराठाढ़ी, मधुबनी
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सुनो पेड़ भैया
सुनो पेड़ भैया
तुम इतने धूप में
क्यों खड़े रहते हो भैया
लेकिन तुम में
एक चीज का खासियत है
तुम फ्री में ऑक्सीजन देते हो भैया
लेकिन इंसान तुम्हें
काट देता है भैया
फिर भी तुम कुछ
नहीं करते हो भैया
जब कोई भी आदमी
तुम्हारे छाया में जो भी बैठता है
वो बहुत खुश हो जाता है भैया
सुनो पेड़ भैया, सुनो पेड़ भैया