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जीवन परिचय: नीतू जी का जन्म ०७ अक्टूबर १९८८ में मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के गांव पोखरनी भैंसदेही में हुआ। नीतू जी पेशे से एक शिक्षिका हैं|
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लघुकथा — अटल सत्य
विद्यालय की नई बिल्डिंग मिलने से शाला परिवार के सभी सदस्य शिक्षक, शिक्षिकाओं और विद्यार्थियों में उत्साह था। विद्यालय की पुरानी बिल्डिंग में सिर्फ पांच कमरे थे, जिसमें बारह सौ बच्चों के बैठने में अव्यवस्था होती थी । नया विद्यालय भवन की व्यवस्था की जिम्मेदारी शाला संस्था प्रभारी सर जो प्रभावी और कर्मठ व्यक्तित्व के धनी थे उन पर थी। विद्यालय ग्रामीण क्षेत्र में होने के कारण शाला में प्राचार्य का पद रिक्त था। स्टाफ में सभी बहुत खुश थे कि अब विद्यालय में क्या-क्या व्यवस्था करनी है,कोनसी वस्तु कहां रखना है सभी अपनी अपनी राय दे रहे थे। एक महीने में ही स्कूल में पर्याप्त फर्नीचर, पुस्तकालय, लाइब्रेरी और ऐसी सारी व्यवस्था हो चुकी थी ।विद्यालय की साज-सज्जा में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं थी । जिस प्रकार एक युगल दंपत्ति नये मकान में शिफ्ट होने पर सारी व्यवस्थाएं करता है उसी प्रकार शाला परिवार का प्रत्येक सदस्य विद्यालय को अप टू डेट करने में लगा था ।नये विद्यालय भवन में ट्यूबवेल तो था लेकिन बिजली की व्यवस्था नहीं होने के कारण पानी का प्रबंध नहीं हो पाया था। प्रभारी सर द्वारा एक आवेदन बनाया गया जो विद्युत कार्यालय में देना था जो विद्यालय से 24 किलोमीटर की दूरी पर स्थित था । दोपहर का समय था प्रभारी सर वह आवेदन देने स्कूल से अपनी बाइक पर निकल गए सभी में खुशी की लहर थी कि अब स्कूल में बिजली भी आ जाएगी और पानी की व्यवस्था भी हो जाएगी। कुछ ही घंटे बीते थे कि फोन आया प्रभारी सर का एक्सीडेंट हो गया है और अब इस दुनिया में नहीं रहे। तेज रफ्तार से आते ट्रक ने बाइक सहित प्रभारी सर को अपनी चपेट में ले लिया था। जहां कुछ समय पहले खुशियां थी ,उमंग और उत्साह था, वहां अब मातम था। जीवन की सच्चाई थी। सृष्टि का अटल सत्य था-मृत्यु। जो किसी का इंतजार नहीं करती किसी के लिए रूकती नहीं।समय का कालचक्र चलता रहता है।कोई है जो इस संसार को चलाता है । प्रभारी सर के साथ हुए हादसे ने इस सृष्टि के अटल सत्य का पाठ पढ़ा दिया था।
मुंह देखी — लघु कथा
आज से परीक्षा शुरू हो गई थी। अनुपस्थित रहने वाले विद्यार्थी भी आज परीक्षा में उपस्थित थे। ग्रामीण क्षेत्रों में पालकों की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण कुछ विद्यार्थी दाखिला लेते समय प्रवेश शुल्क जमा नहीं कर पाते हैं। ऐसे विद्यार्थी ग्रामीण क्षेत्रों में विरले ही स्कूल आते हैं। परीक्षा में उपस्थित होने वाले अनुपस्थित विद्यार्थीयों से प्रवेश शुल्क लेने का कार्य प्रवेश प्रभारी मैडम कर रही थी ।जो बच्चों के मुंह देख देख कर फीस न लाने के कारण बच्चों को डटकारती, तो कुछ को चेतावनी देकर छोड़ देती, तो कुछ को खरी-खोटी सुना रही थी।वह लड़की भी उन्हें बच्चों में शामिल थी जो स्कूल खुलने के बहुत दिनों बाद डरी सहमी सी आज कक्षा नवमी की परीक्षा देने स्कूल आई थी।बहुत दिनों में स्कूल आने और फिस जमा नहीं करने के कारण उस लड़की की वस्तु स्थिति से अनभिज्ञ मैडम ने आज उसे दो चार थप्पड़ लगा दिए। उसके चेहरे के भावों ने आने वाले कल का संकेत दे दिया था। लड़की दूसरे दिन पेपर देने नहीं आई।
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लघुकथा —– सजगता
परीक्षा हॉल में परीक्षाएं चल रही थी । सभी विद्यार्थी अपना अपना प्रश्न पत्र हल कर रहे थे। सूर्यदेव भी आसमान में अपनी लालिमा बिखेर रहे थे।काले बादल दूर दूर तक कहीं दिखाई नहीं दे रहे थे। अचानक आसमान में बादलों की गर्जना और बिजली के साथ साथ जोरदार बारिश शुरु हो गई। रमकी भी उसी परीक्षा हॉल में बैठे परीक्षा दे रही थी। मेरा ध्यान गया कि वह काफी देर से परीक्षा हॉल में बैठे-बैठे मुस्कुरा रही थी ।मैंने उससे पूछ ही लिया रमकी- क्या प्रश्नपत्र सरल आया है? उसने कुछ नहीं कहा और मुस्कुरा कर नहीं कहते हुए सिर हिला दिया। वह अभी भी मुस्कुराए जा रही थी मैंने फिर पूछा- क्या हुआ ? रामकी फिर वह अपने आप को रोक नहीं पाई और मुस्कुराते हुए बोली मैडम मेरा बैग साइकिल में ही रखा हुआ है ।क्या मैं परीक्षा हॉल से बाहर अपना बैग लाने जा सकती हूं नहीं तो पूरी पुस्तक कापी भीग जाएगी। मैंने भी बैग में रखी पुस्तक कॉपी गीली ना हो जाए यह सोचकर किसी अन्य से छाता लेकर बैग ले आने की सहमति दे दी । किसी के पास छाता न पाकर वह बारिश में बिना छाते के ही दौड़ पड़ी उसे मना भी किया लेकिन अपने बैग को गीला होने से बचाने के लिए उसने एक नहीं सुनी। अपना और अपने सहपाठियों की साइकिल पर रखे सभी बेगो को दौड़ कर ले आई। शीला, संगीता ,अंकिता इशारों ही इशारों में उसे धन्यवाद दे रही थी। पूरे विद्यालय में किसी भी विद्यार्थी ने अपने बेग की चिंता बारिश में भीग जाने के डर से नहीं की थी। लेकिन रमकी की सजगता और साहस ने विद्या के प्रति प्रेम और आदर को सभी विद्यार्थियों और शिक्षकों की नजरों में बढ़ा दिया था।
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अरमान
हे देव यह तूने क्या किया
मेरे दिल के अरमानों को ही तोड़ दिया।
चाहत थी बस इतनी
कि तेरा ये सुंदर जहां देखू,
पर तू मेरी नजरों के सुकून को ही ले गया।
यह देव तेरी दी हुई ,दो सुंदर अखियां है मेरी
पर तू अंखियों की ख्वाहिशों को ही ले गया ।
तेरी दुनिया देख कर भी, देखना नहीं चाहती नजरे
क्योंकि नजरों की दिल्लगी के आशियाने को ही तू ले गया
हे देव तूने यह क्या किया
मेरी निगाहों का ठिकाना था
मेरे जीने का सहारा था,
पर तू उन नजरों के नजराने को ही ले गया।
हे देव यह तूने क्या किया
मेरे दिल के अरमानों को ही तोड़ दिया
ख्वाब जो पूरे ना हो सके
उन चाहतो के गुले गुलजार को ही ले गया
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बेटी की पुकार
हे मम्मी-पापा मत पाप करो
मुझे भी दुनिया में आने दो,
बेटा नहीं हूं तो क्या हुआ
बेटी बनकर ही जीने दो ,
यह सच है कि आपको
बेटा बड़ा ही प्यारा है
कुलदीपक तो मां-बाप
सबकी आंखों का तारा है।
डॉक्टर है भगवान
विज्ञान का खेल सारा है ,
लिंग परीक्षण करके
अनेकों बेटियों को उसने मारा है।
कुछ बेटियों को तो
दहेज दानव ने खाया है।
कुछ सासों ने अत्याचार
करके बहुओं को जलाया है। मां-बाप की तमन्ना बेटे की
बेटी हो जाए तो क्यों रोना। दुनिया बनाने वाले के,
सब है खेल खिलौने
इसलिए बेटा हो या बेटी
सम्मान से उसको संसार में आने दो।
घर आंगन में बस
दो प्यारे फूल ही खिलाने दो,
बेटी को मत मारो
बेटीयों से ही सारा जमाना है।।
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गांधी जी को नमन
पूज्य महात्मा गांधी जी को
शत कोटि नमन करें
राष्ट्रपिता के चरणों में
श्रद्धा सुमन धरे ।
अंग्रेजों से मुक्त किया
तोड़ गुलामी की जंजीरो से प्रजातंत्र में जन गण की देखो हालत है गंभीर।
खतरा मंडराये भारत पर
बनकर नक्सल आतंकवादी
सत्य अहिंसा भूल गए
करते जन धन की बर्बादी
स्वार्थ में अंधे होकर
गांधी जी के वचनों को भूल गए सूट-बूट में अप-टू-डेट
चरखा,खादी को भूल गए।
सम राज्य आ जाए फिर से
ईना हो गबन घोटाला भ्रष्टाचार। अमीर गरीब की खाई मिट जाए महंगाई ,भुखमरी से ना हो कोई लाचार ।
सोने की चिड़िया बन जाए
स्वर्ग सा चमन करें
भारत हो सिरमौर जगत का
आओ ऐसा जतन करें।।
Good bahut achche vichar h apke
Ma sabd ko apne apne vicharo se paribhashit kiya h apne
Very nice
Very nice poetic collection written by you
बहुत ही सुंदर पंक्तियां
बहुत ही सुंदर पंक्तिया, नीतू मैडम जी।
बहुत ही सुंदर पंक्तियां
Lovely thought on mother really very nice
बहुत खूब
Nice thought mam .
Very nice
Nice mam
Nice
nice
Very nice
Bhutkhub
Very nice thought & write a all poems
अति सुंदर बहुत खूब
👍👍bahut badiya 💓Dil Ko chu Lene wali line likhi he Apne 😊.
bas kariye medam ab rulaooge 😢😢 kya
Very nice song
Nice thoughts .
Very nice thought & poem
अति सुन्दर रचना
अति सुन्दर रचना
Nice
Nice poems
, thanks
Nice
Nice
Very good satya ghatna par aadharit kahani h
Apki lekhni saty ghatna par adharit hoti h , likhte rahiye👍
Bahaut din bad ek achchi kavita ke madhayam se apke vichar padne or sunne ko mile h padkar bahut achcha h
और अच्छा लिखने का प्रयास करे साहित्यक रचनाओं में शब्दों का चयन सूझ बूझ से करे जिससे रचना को संपूर्णता मिले ।